कितने ही ऐसे लोग हैं जो एक उम्दा कलाकार, या बेहतरीन डिज़ाइनर बनना चाहते हैं. इसके लिए अपने tools को जानना और उम्दा तरीके से इस्तेमाल कर पाना ज़रूरी है.
ये सब जानना चाहते हैं कि एम ऍफ़ हुसैन की पेंटिंग कौन से ब्रश या रंगों से बनी है, या कोई जाना माना फोटोग्राफर कौन से कैमरे से फोटो लेता है?
ये टूल्स जानने , अपनाने और सीखने से हम अपने आप को बेहतर कलाकार समझने लगते हैं, ये समझना बेहद ज़रूरी है कि इन्हें जानने मात्र से हम हुसैन नहीं बन जाते।
मेरी पहल “हरसंभव” आपके सामने डिज़ाइन सॉफ्टवेयर टूल्स को आसानी से अपनाने में मदद करेगी। मगर ये मेरा फ़र्ज़ है कि मैं आपको ये भी बताऊँ, कि एक उम्दा कलाकार बनने के लिए केवल टूल्स सहायक नहीं होते।
टूल्स तो मैं आपको सीखा दूंगी, पर ये कुछ गुण आपमें एक अच्छा कलाकार बनने के लिए अनिवार्य हैं , ये वो हैं, जो सिखलाये नहीं जा सकते, इन्हें पैदा करना पड़ता है स्वयं में

passion यानि जोश और जूनून
listening स्किल्स यानि सुनने समझने कि कला
learn-ability यानि सीखने की योग्यता
pro risk chances यानि जोखिम उठाने को तैयार रहना

perception यानि अनुभूति
Intuition यानि अंतर्ज्ञान
thinking यानि सोच
imagination यानि कल्पनाशीलता
creativity यानि रचनात्मकता
improvisation यानि आशुरचना
practice यानि अभ्यास
color sense यानि रंग आभास

discernment यानि प्रभेद एवं निर्णय लेने की क्षमता
taste यानि कला का स्वाद समझ में आना
embracing the uncertain यानि अनिश्चितता को स्वीकारना
emotional intelligence यानि भावनात्मक बुद्धि
Hunger यानि कुछ अच्छा करने , सीखने की कभी न शांत होने वाली भूख
मैंने पाया की इंटरनेट पर कई resources हैं जहां से आप tools सीख सकते हैं.
प्रोफेसर वी ऍफ़ एक्स , जेस्सी ढिल्लों आदि कई लोग आपकी समस्याएं सुलझाने के लिए अपना ज्ञान आप तक पहुंचा रहे हैं.
साथ ही मैंने ये भी पाया कि कहीं ऐसे रिसोर्सेज नहीं हैं जहां आपको एक साथ शुरुआत से अंत तक एक सॉफ्टवेयर का step by step ज्ञान मिल पाये,
मैंने इसीलिए “हरसंभव” की शुरुआत की है.
इसके माध्यम से मैं आप तक पहुँचाना चाहूंगी निःशुल्क , सरल, स्टेप बाय स्टेप ट्यूटोरियल्स , जिन्हें पढ़ कर , सुन कर देख कर, अनुसरण कर, अभ्यास कर, आप इन टूल्स के मास्टर बन जाएं।
1955 में जब एक साथ 6 धावकों ने 10.2 सेकंड के रिकॉर्ड समय में में 100 मीटर की दौड़ पूरी की, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि इंसान इससे भी तेज़ दौड़ सकता है, लेकिन 2009 में उसैन बोल्ट ने 9.58 सेकंड में इसे पूरा कर पूरे विश्व को बता दिया कि… सब संभव है। हरसंभव है।
हम, आप सब कुछ संभव कर सकते हैं।
ज़रूरत है, एक सोच की। एक विचार की। एक पहल की।
यही है हरसंभव, असीम सम्भावनाओं से भरा, सब की आकांक्षाओं से जुड़ा।
असंभव कुछ नहीं। संभव है सब।
आइए संभव करें। प्रयास हरसंभव करें।
Image Credits :
MF Hussain Painting from http://marvelartgallery.com/art_by_tags.php?&tag=m%20f%20husain
Ravi Rai’s Photograph from http://invisiblephotographer.asia/2012/11/14/invisibleinterview-raghurai-part3/
